Cab के नाम पर पैसा लुटता है OLA और Uber, अब होगा बंद जानिए पूरी डिटेल। OLA Uber Update

आज टेक्नोलॉजी ने हमारे जीवन को सुविधाजनक बनाया है अब ग्रोसरी मंगवाना, टैक्सी बुक करना, घर बैठे बिल भरना ऐप के मदद से संभव है। लेकीन कभी कभी इसकी कीमत ज्यादा देनी पड़ती है। कैब एग्रीगेटर्स जैसे की Uber, Ola और Rapido भी इसमें शामिल हैं। इस पोस्ट में हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले है की कैसे आपसे अतिरिक्त पैसे लिए जाते हैं। अगर आप इसके बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारी यह पोस्ट अंत तक जरूर पढ़िए।

पीक आवर में दोगुना किराया

आप सभी को यह पता ही होगा की नए मोटर व्हीकल्स एग्रीगेटर गाइडलाइंस (MVAG 2025) के तहत उबर, ओला, रैपिडो को पीक आवर्स में बेस फेयर के दोगुना चार्ज करने की अनुमति मिली है। पहले यह सीमा 1.5 गुना थी। गैर पीक समय में बेस फेयर से कम से कम 50% किराया लिया जाएगा। इसका नतीजा यह हो गया है की 100 रुपए की सामान्य राइड पीक समय में 200 रुपए तक पहुंच जाती है। ऑफ-पीक में भी 50 रुपए से कम चार्ज संभव नहीं है। केंद्र सरकार ने इस नियम को वैध किया है। इस वजह से यात्रियों पर बोझ बढ़ गया है।

Ola ने शुरू किया नया नियम

अभी ही Ola ने जीरो-कमीशन मॉडल शुरू किया है। इसमें ड्राइवरों को किराए की पुरी राशि दी जाती है। इसके बदले में उन्हें हर दिन 67 रुपए फ्लैट फीस देनी पड़ती है फिर चाहे वह दिन में एक राइड करें या दस। इसका फायदा व्यस्त इलाके के ड्राइवरों को जरुर होगा लेकिन कम व्यस्त इलाके के ड्राइवरों को नुक़सान भी हो सकता है।

iPhone और Android पर अलग-अलग किराए

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उबर और ओला पर बहुत बार आईफोन युजर्स को एंड्रॉयड युजर्स की तुलना में अधिक किराया लिया जाता है। इन शिकायतों पर ध्यान देते हुए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने इन प्लैटफॉर्म को नोटिस जारी की है।

क्या करना चाहिए यात्रियों को

यात्रियों को यह सलाह दी जाती है की वह ऐप में किराए के ब्रेकडाउन ठीक से देखें। आपको पुरानी राइड्स से तुलना करनी चाहिए। जब आप एयरपोर्ट से बुकिंग करेंगे तो अतिरिक्त चार्ज की जानकारी जरुर लिजिए। अगर आपको किराए के संबंधित कोई शिकायत है तो इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर या केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण को जरूर दें।

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